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तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि का निधन

August 07, 2018 08:26 PM

Star Khabre, Delhi; 07th August : तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और राजनीतिक दल द्रविड़ मुन्नेत्र कज़गम (डीएमके) के प्रमुख करुणानिधि का मंगलवार को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में निधन हो गया। रक्तचाप में तेजी से गिरावट के बाद उन्हें उनके गोपालपुरम आवास से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करुणानिधि के निधन से देश की राजनीति को गहरा धक्का लगा है। सियासी गलियारों में मातम पसर गया है। 

देश की राजनीति में करुणानिधि और उनकी पार्टी का अमिट योगदान रहा है। करुणानिधि के निधन पर तमाम नेताओं ने दुख जताया है। करुणनिधि के निधन की खबर फैलते ही उनके चाहने वालों और तमाम दलों के नेताओं की भीड़ उनके आवास पर जुटने लगी है। अस्पताल के बाहर हजारों की संख्या में गमगीन समर्थक अपने कद्दावर नेता की अंतिम झलक पाने के लिए टकटकी लगाए हुए हैं। 

तेज बारिश के बावजूद लोगों की भीड़ असप्ताल के बाहर जुटी हुई है। भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन ने अस्पताल के बाहर भारी तादाद में पुलिसबल तैनात किया है। वहीं करुणानिधि के गोपालपुरम आवास के बाहर भी प्रशासन ने पुलिसबल तैनात कर दिया है।  राजारथिनम स्टेडियम में सुरक्षा बल के 500 और तमिलनाडु स्पेशल फोर्स के 700 जवानों को तैनात किया गया है। 

ऐसे आए थे राजनीति में

अलागिरिस्वामी के भाषणों के करुणानिधि मुरीद थे। अलागिरिस्वामी के भाषण की वजह से ही राजनीति की ओर उनकी रूचि बढ़ने लगी थी। 1938 में 14 साल की कच्ची उम्र में करुणानिधि ने जस्टिस पार्टी का दामन थाम लिया था। जब डीएमके के संस्थापक सी. एन. अन्नादुरई अपने राजनीतिक गुरु ई. वी. रामास्वामी से अलग हुए, तब करुणानिधि उनके साथ आए और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक बने। 

1957 में मिली थी पहली जीत

करुणानिधि को उनके राजनीतिक करियर में पहली बार 1957 में सफलता मिली थी। तब उन्होंने करुर जिले की कुलिथली विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। इस जीत के बाद उन्हें पहली बार तमिलनाडु विधानसभा में प्रवेश करने का मौका मिला। 1962 में वह विधानसभा में विपक्ष के उपनेता बने। 1967 में तमिलनाडु की अन्नादुरई सरकार में वह पहली बार मंत्री बने। 

1969 में चुने गए डीएमके प्रमुख

1969 में कैंसर से पीड़ित अन्नादुरई की मौत हो गई थी। तब करुणानिधि उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी बने। इसके बाद वे मुख्यमंत्री बने फिर पार्टी के प्रमुख भी चुने गए।

 

 
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