Star Khabre, Business; 16th June : जब से देश में उदारीकरण हुआ है, कुछ मामलों में सरकार धीरे-धीरे अपना रोल सीमित करती जा रही है। इसलिये आज के हालात बदल गये हैं। इसका असर पूंजी बाजार पर भी दिखा है। इस समय बाजार में ब्याज दर घटते-घटते काफी कम हो गया है। बैंकों में एफडी का रेट 3 फीसदी से नीचे चला गया है। बाजार में बेईमान बॉरोअर्स, जालसाजों, भ्रष्ट लेंडर्स के बढ़ने के चलते रिटायर्ड इन्वेस्टर्स का भी रिस्क बढ़ गया है। ऐसे में रिटायरमेंट फंड ठीक ठाक बन सके, इसके लिए इन उपायों पर अमल करेंगे तो दिक्कत नहीं होगी।
रिटायरमेंट प्लनिंग में पीएफ खाते का अहम रोल
विशेषज्ञों का कहना है कि रिटायरमेंट प्लानिंग ऐसी हो, जिसमें हर तरह के साधनों का समावेश हो। कुछ पैसे कर्मचारी भविष्य निधि कोष में जमा करना जरूरी है क्योंकि आज की तारीख में सबसे ज्यादा ब्याज दर वहीं से मिलता है। यदि आपको लगता है कि आपके वेतन से कटने वाला पीएफ पर्याप्त नहीं है तो आप वालेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) भी कटवा सकते हैं। इस पर भी उतना ही ब्याज मिलता है, जितना पीएफ (PF) पर।
इक्विटी प्लान भी चुन सकते हैं
यदि आपके पास वक्त है तो आप इक्विटी प्लान भी चुन सकते हैं। यह लांग टर्म ग्रोथ देने में बेहतर माना जाता है। इसके लिए पोर्टफोलियो का चुनाव सावधानीपूर्वक करना होता है। इसमें ऐसे शेयर शामिल करें जो पोर्टफोलियो को महंगाई के असर से बचाकर रख सकती है। बुजुर्गों के लिए यह कुशन का काम करती है। उन्हें तात्कालिक जरूरतें पूरी करने के लिए बहुत कम पैसों की जरूरत होती है, इसलिए बाकी पैसा बढ़ता रह सकता है।
रिटायर्डमेंट फंड में इक्विटी का रोल क्या होगा
रिटायर्ड लोगों को नियमित आमदनी की जरूरत होती है लेकिन ग्रोथ के लिए पोर्टफोलियो में रिस्की ऐसेट्स होने चाहिए। नियमित जरूरतों के लिए एक हिस्से को भुनाना होगा लेकिन उन्हें थोड़ी रकम की जरूरत होगी। ज्यादातर लोग हालांकि इस बात से डर जाते हैं कि शेयरों में गिरावट आने पर उनका कॉरपस घटेगा।
शानदार रिटायरमेंट का अर्थ
आमतौर पर लोग रिटायरमेंट फंड पर निर्भर होने से पहले रेंट, सेकेंड करियर, डिविडेंड जैसे इनकम के दूसरे सभी रास्ते आजमा लेते हैं। शानदार रिटायरमेंट वह होता है जिसमें पेंशन रिटायरमेंट कॉरपस पर प्रेशर बनने नहीं देता। इसके लिए पोर्टफोलियो में इक्विटी होना जरूरी है। इसके लिए लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स का सहारा लिया जा सकता है। ऐसे बैलेंस्ड फंड पर भी दांव लगाया जा सकता है जिसका कॉरपस मुख्य रूप से डेट में लगाया जाता है और सिस्टमैटिक ट्रांजैक्शन के जरिए निकासी होती
डायवर्सिफिकेशन जरूरी
जानकार बताते हैं कि रिटायर के बाद आमदनी बनी रहे, इसके लिए पोर्टफोलियो में इक्विटी को शामिल करना चाहिए। कॉरपस से बस जरूरत भर का पैसा निकालने की चाहत होनी चाहिए। ऐसी रकम कम होने पर रिस्क घटता है और बाकी पैसा बढ़ता है। साथ ही, रिटायरमेंट कॉरपस को छोड़ दूसरे स्रोत से इनकम आने पर इक्विटी इनवेस्टमेंट की कैपेसिटी बढ़ती है। इसके लिए ऐसेट ऐलोकेशन और डायवर्सिफिकेशन पर फोकस करना बेहद जरूरी है।