Star Khabre, Faridabad; 24th April : दरअसल कल आए आदेशों में फरीदाबाद जिला बार एसोसिएशन के चुनाव को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही रिटर्निंग ऑफिसर निर्दोष गुर्जर पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। आपको बता दें दिनांक 10 नवंबर 2020 को फरीदाबाद जिला बार सत्र न्यायालय में चुनाव संपन्न हुए थे। उक्त चुनाव को लेकर अधिवक्ता राजेश बैंसला ने बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा में याचिका लगाई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव में धांधली की गई है। जिस पर लंबी सुनवाई के बाद कल फरीदाबाद में हुए बार चुनाव को पूर्णता रद्द कर दिया है। जिसके चलते तमाम पदाधिकारियों का पद रिक्त हो गया है। इसके साथ ही 30 जून को पुनः आगामी चुनाव की तिथि के लिए घोषणा की जाएगी।
गौरतलब है कि फरीदाबाद जिला सत्र न्यायालय में 9 पदों के लिए चुनाव होते हैं। इस बार भी 9 पदों के लिए चुनाव कराए गए थे। जिसमें दो पद निर्विरोध चुन लिए गए थे तथा 7 पदों के लिए वोटिंग कराई गई थी। 20 नवंबर को हुए चुनाव में बॉबी रावत प्रधान पद के लिए चुने गए।वही नरेंद्र शर्मा जो दूसरे खेमे के थे उन्हें जनरल सेक्टरी चुना गया। इसके साथ संजीव अत्री लाइब्रेरियन, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजकुमार तवर, वाइस प्रेजेंट विकास, नरेश रावत जो कि किसी खेमे के नहीं थे उन्हें कोषाध्यक्ष चुना गया इसके साथ ही ज्वाइंट सेक्रेट्री अरुण नागर चुने गए। लेकिन दोनों पक्षों की बात करें तो एक पक्ष अधिवक्ता ओपी शर्मा और अश्विनी त्रिखा का था। वही दूसरा पक्ष विवेक कुमार उर्फ बॉबी रावत का था। जिसमें चार पदाधिकारी बॉबी रावत के दो पदाधिकारी ओपी शर्मा के गुट के थे। लेकिन राजेश बैंसला ने चुनाव में हुई धांधली गर्दी को लेकर पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल में इसकी अपील दायर कर दी। जिस पर कल साफ तौर पर आदेश दे दिए गए कि चुनाव रद्द किए जाते हैं। इसके साथ ही निर्दोष गुर्जर पर भविष्य में रिटर्निंग ऑफिसर बनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दुविधा में है बार
कल आए आदेशों से एक बात स्पष्ट होती है कि फरीदाबाद बार चुनाव तो रद्द कर दिए गए हैं। लेकिन अब दुविधा इस बात की है कि फिलहाल कौन संभालेगा बार। क्योंकि उन आदेशों में ना तो कोई कमेटी बनाई गई ना ही यह स्पष्ट किया गया है कि इनके पद रिक्त होने के बाद भी एक कार्य कर सकते हैं या नहीं। यह फिलहाल दुविधा का विषय बना हुआ है। याचिकाकर्ता ने कहां की इस तरीके की धांधली गर्दी किसी भी लोकतंत्र के लिए अच्छे संदेश नहीं है। आखिरकार सत्य की जीत हुई है और भविष्य में हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव निष्पक्ष होंगे।इस बारे में अधिवक्ता ओपी शर्मा का कहना है कि सत्य की जीत हुई है। हम शुरू से ही चुनाव में हुई धांधली गर्दी की बात कर रहे थे।
इस बाबत जब विवेक रावत उस बॉबी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आए हुए आदेशों का हम सम्मान करते हैं। परंतु इसकी अपील नियमानुसार जरुर डालेंगे।