Shikha Raghav (Star Khabre), Faridabad; 24th July : जीएसटी विभाग की रोड साइड चैकिंग
जीएसटी अधिकारी : रोको गाडी
ड्राइवर : जी साहब
जीएसटी अधिकारी : गाडी साइड लगाओ
ड्राइवर : जी साहब
जीएसटी अधिकारी : बिल दिखा, क्या सामान है
ड्राइवर : साहब, जैन साहब की गाडी है
जीएसटी अधिकारी : जाने दो
"जैन साहब की गाडी है" कहते ही गाडी को कोई अधिकारी नहीं रोकेगा। जी हां जैन साहब सेल्स टैक्स विभाग में एक ऐसा कोड है जोकि वर्षों से चला आ रहा है। हाल ही में इस पूरे मामले को उजागर करते हुए उच्चाधिकारियों और मुख्यमंत्री को एक शिकायत की गई है जिसमें मुख्य रूप से जीएसटी चोरी में संलिप्त तीन नाम सामने आए हैं। इसमें प्रमुख रूप से डीईटीसी रविन्द्र सिंह, गाजियाबाद निवासी संजीव गोस्वामी और बल्लभगढ़ निवासी गगन का नाम है। उक्त शिकायत सीही, सेक्टर- 8 निवासी ओमवीर सिंह ने की है।
आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने एक जुलाई 2017 से पूरे भारत में 17 टैक्स को खत्म कर एक गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के नाम से एक टैक्स लागू किया लेकिन तभी से ही जीएसटी चोरी करने के लिए लोगों ने अलग-अलग तरीके इजाद कर लिए हैं। जहां कुछ लोग फर्जी बिल बनाकर टैक्स की चोरी कर रहे हैं। वहीं ट्रांसपोर्टर भी इसमें पीछे नहीं है।
हाल ही में मुख्यमंत्री हरियाणा, कराधान मंत्री हरियाणा सरकार, डीजीपी विजिलेंस, कमिश्नर जीएसटी हेड आफिस पंचकुला को एक शिकायत भेजी गई है जिसमें फरीदाबाद में कार्यरत डीईटीसी रविन्द्र सिंह के खिलाफ शिकायत की गई है। साथ ही इसमें दो अन्य लोगों के नाम भी दिए गए हैं जिनके साथ सांठगांठ कर डीईटीसी इस पूरे जीएसटी चोरी मामले को अंजाम दे रहे हैं।
शिकायत में कहा गया है कि दिल्ली से प्रतिदिन जीएसटी चोरी की लगभग 300-400 गाड़ियां पास की जाती है। आम भाषा में कहा जाए तो बिना बिल के दो नंबर में सामान लाने वाली गाड़ियों को पास करवाया जाता है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गाजियाबाद निवासी संजीव गोस्वामी जीएसटी विभाग के डीईटीसी रविन्द्र सिंह से सांठगांठ कर विभाग को प्रतिदिन करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं।
हाल ही में एक अधिकारी की एक आॅडियो क्लिप भी वायरल हुई है जिसमें अधिकारी एक 75 की लिस्ट के बारे में बोलता सुनाई दे रहा है। बदरपुर बार्डर से करमन बार्डर तक ट्रक वालों को एक कोड दिया हुआ है कि अगर कोई गाडी रोके तो जैन साहब बोलना हैं। कोड बोलने के बाद कोई अधिकारी कोई गाडी को नहीं रोकेगा क्योंकि यह गाड़ियां 75 की लिस्ट में होती हैं जिसका आडिया क्लिप के रूप में पुख्ता सबूत भी है। यह 75 की लिस्ट दरअसल ट्रांसपोर्ट की लिस्ट है। यदि इस लिस्ट के अलावा किसी ओर ट्रांसपोर्ट की गाडी होती है तो यह जीएसटी अधिकारी उनको पकड़ कर उनका चालान कर देते हैं। यह गोरखधंधा पिछले कई सालों से चल रहा है।
शिकायत में कहा गया है कि जीएसटी विभाग के डीईटीसी रविन्द्र सिंह और संजीव गोस्वामी और उसका साथी गगन की मिलीभगत से हरियाणा सरकार को प्रतिदिन कई करोड़ रुपए की जीएसटी का चूना लग रहा है। हालांकि ऐसा नहीं है कि डीईटीसी के खिलाफ यह कोई पहली शिकायत है। इससे पहले भी कई बार डीईटीसी रविन्द्र सिंह के खिलाफ शिकायत की गई है लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
रविन्द्र सिंह इससे पहले यहां पिछले 10 साल से ईटीओ इंफोर्समेंट के पद पर रह चुके हैं और अब कई साल से डीईटीसी के पद पर है। बताया जाता है कि चंडीगढ़ में राजनैतिक रसूख के चलते इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इसलिए इनका हर बार तबादला होते होते रूक जाता है। जानकारों का कहना है कि यदि इस पूरे मामले की जांच की जाए तो यह हरियाणा में अब तक का जीएसटी चोरी का सबसे बड़ा मामला होगा।
इस मामले में जब डीईटीसी रविन्द्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। सारे आरोप निराधार हैं।
अब देखना है कि मुख्यमंत्री हरियाणा और जीएसटी विभाग के उच्च्चाधिकारी इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई करते हैं या फिर यह शिकायत भी पिछली शिकायतों की तरह ही रविन्द्र सिंह के राजनैतिक रसूख के चलते ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी।
नोट : अगली कडी में पढ़े 75 की लिस्ट में कौन-कौन हैं शामिल