Star Khabre, Delhi; 21st February : दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और अफसरों के बीच तलवार खिंचने का नया कारण सामने आया है. अधिकारियों के मुताबिक केजरीवाल सरकार अपना तीन साल का विज्ञापन जारी करना चाहती थी जिसमें दावा किया जा रहा था दिल्ली में बीते 3 साल में भ्रष्टाचार बहुत कम हो गया है जबकि अधिकारी कह रहे थे कि इस दावे को प्रमाणित नहीं किया जा सकता, इसलिए विज्ञापन में ऐसे दावे नहीं किये जा सकते.
दिल्ली के सूचना और जन सम्पर्क विभाग के सचिव डॉ जयदेव सारंगी ने कहा 'इस विज्ञापन में कहा गया था कि तीन साल में दिल्ली में करप्शन में भारी कमी आई है जिसको विजिलेंस या कोई भी विभाग प्रमाणित करने को तैयार नहीं था और बिना किसी विभाग प्रमुख के प्रमाणित किये प्रचार विभाग उसको जारी नहीं कर सकता क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स है कि आप केवल तथ्यात्मक बातें ही विज्ञापन में कह सकते हैं.'
लेकिन इसी विज्ञापन के बारे में पहले ये बात सामने आ रही थी कि इसमें ये कहा गया था कि 'जब आप सच्चाई के रास्ते पर चलते हो तो ब्रह्मांड की दृश्य-अदृश्य शक्तियों आपकी मदद में लग जाती हैं' और इसको कोई भी विभाग प्रमाणित करने को तैयार नहीं था, जिससे विज्ञापन फंसा हुआ है. कहा जा रहा था कि अधिकारियों ने अदृश्य शक्तियों वाली बात पर आपत्ति जताई थी. सारंगी से जब ये पूछा गया तो उन्होंने कहा 'ये बातें कहाँ से आई या किसी ने इस बात पर आपत्ति की है इसकी मुझे जानकारी नही'.
ये है दिल्ली सरकार को दावा जो पार्टी की ओर से ट्वीट में किया गया. इससे मिलता जुलता विज्ञापन सरकार की ओर जारी करने को लेकर विवाद हो गया...
आपको बता दें कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और सभी अफ़सर दावा कर रहे हैं कि सोमवार की रात को सीएम केजरीवाल ने इस तीन साल के विज्ञापन को मंज़ूरी देने का दबाव बनाने के लिए ही बैठक बुलाई थी. इसमें विधायकों ने डराया धमकाया और मारपीट की जबकि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी का दावा है कि बैठक राशन कार्ड के मुद्दे पर थी जिसमे मुख्य सचिव ने विधायकों से गाली गलौज की और जाति सूचक शब्द कहे.