Star khabre, Haryana; 05th March : अब से दस साल पहले हरियाणा के गुरुग्राम में 11 नवंबर 2007 को 14 साल के एक लड़के आकाश यादव ने अपने पिता की लाइसेंसी पिस्टल से स्कूल में एक साथी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। नाबालिग होने के चलते पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे तीन साल के लिए बाल सुधार गृह में भेज दिया गया था। इस दौरान उसे हरियाणा की दो जेलों में रखा गया था।
अब वह लड़का 24 साल का हो गया है और गैंग का मुखिया भी बन चुका है और कई संगीन अपराधों को बेखौफ होकर अंजाम दे रहा है। जेल में रहने के बाद उसके दिल से कानून और पुलिस का डर बिल्कुल खत्म हो चुका है। बचपन से ही हथियारों से खेलने के शौक ने अब हमेशा के लिए उसके हाथ में बंदूक थमा दी है। उस पर हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
आकाश के पिता आजाद सिंह यादव जो कि एक प्रॉपर्टी डीलर हैं उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं और आकाश उनमें सबसे बड़ा है। उस दिन को याद करते हुए आजाद सिंह बताते हैं कि वो 11 नवंबर 2007 का दिन था और सुबह के 9.45 बजे थे। उन्होंने मॉर्निंग वॉक से लौटकर टेलिविजन टेबल की ड्रावर में रखी अपनी पिस्टल को गायब पाया। वो पिस्टल उन्होंने एक डीलर से एक सप्ताह पहले ही खरीदी थी। पिस्टल न मिलने पर उन्होंने तुरंत स्कूल में फोन मिलाकर अपने बेटों से बता कराने को कहा था, लेकिन तब दोनों ने पिस्टल ले जाने से मना कर दिया था। इसके कुछ देर बाद जो हुआ वो सबको याद है।
ज्ञात हो कि ऐसा ही एक और चर्चित मामला गुरुग्राम के ही एक नामी स्कूल में बीते साल 8 नवंबर 2017 को भी एक छात्र ने 8 साल के मासूम छात्र की बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी थी। इस मामले में भी आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया था, तब आरोपी की मनोदशा और हत्या के तरीके के देखकर उस पर भी कई तरह के सवाल उठे थे। उस वक्त किसी ने यह नहीं पूछा था कि यदि उसे हत्या का दोषी ठहरा दिया जाता है तो क्या होगा, क्योंकि इसका जवाब सभी जानते हैं। हम जानते हैं कि अब से 10 साल पहले भी ऐसी ही गलती एक 14 साल के एक और छात्र ने भी की थी।