Star khabre, Delhi; 05th March : देश को चूना लगाने वाले बड़े कारोबारियों में विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी वो नाम हैं जिनसे आप वाकिफ हैं। लेकिन अचरज की बात ये है कि इनके अलावा सिर्फ मुंबई में 184 ऐसे वित्तीय अपराधी हैं जिनकी तलाश में पुलिस और संबंधित विभाग भटक रहा है। इन 184 भगोड़े जालसाजों के सिर करोड़ों के घोटालों का आरोप है। आरटीआई में हुए इस खुलासे में और भी ऐसी जानकारियां हैं जो आपके होश उड़ा देंगी।
सूचना के अधिकार के तहत इन घोटालेबाजों के बारे में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध विंग (ईओडब्ल्यू) ने आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे को जानकारी दी है। इस खुलासे के बाद घाडगे ने बातचीत में कहा कि आज के दिनों में अमीर बनने के लिए लोगों से पैसा झटको और फिर पतली गली से निकल लो की प्रवृत्ति बन चुकी है। इस पर लगाम लगाने के लिए कठोर नियम लागू करने की जरूरत है।
19,671 करोड़ के मामले दर्ज कर चुकी है ईओडब्ल्यू
184 वित्तीय अपराधी ऐसे हैं जिन्हें ईओडब्ल्यू तलाश रही है। आरटीआई में यह भी खुलासा हुआ है कि साल 2015 से अब तक 19,671 करोड़ रुपये की जालसाजी के मामले ईओडब्ल्यू दर्ज कर चुकी है। इन मामलों में से मात्र 2.5 करोड़ रुपए ही निवेशकों को लौटाए जा सके हैं। जिन मामलों में विभाग को सफलता हाथ लगी उसमे भी अपराधियों के लिए सजा बहुत कम है। साल 2015 से 9 फरवरी 2018 तक अदालत में गए 80 मामलों में से सिर्फ 20 मामलों में ही दोष सिद्ध हो पाया है। 60 मामलों में कोर्ट ने दोष न सिद्ध होने पर आरोपियों को बरी कर दिया है।
चौंकाने वाले हैं एनसीआरबी के आंकड़े
एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्तीय अपराध की भयानक तस्वीर सामने आती है। बीते एक दशक में देश में आर्थिक अपराधों की संख्या में 80 फीसद तक का इजाफा हुआ है। साल 2006 में आर्थिक अपराध की दर प्रति 100,000 लोगों पर 6.6 फीसद थी, जो कि 2015 में बढ़कर 11.9 फीसद हो गई।