Star Khabre, Haryana; 05th May : हरियाणा के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया है, जिसमें कहा गया है कि फरीदाबाद विश्व के प्रदूषित शहरों की सूची में दूसरे स्थान पर है। गोयल ने एक के बाद एक कई ऐसे कारण बताए, जिनके आधार पर वे विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर सवाल उठा रहे है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट खारिज करने के बावजूद पर्यावरण मंत्री ने ऐलान किया कि गुरूग्राम व फरीदाबाद समेत 19 'कांटीन्यूवस एंबीयेंट एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन' स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए एक माह में काम शुरू हो जाएगा। सरकार विभिन्न विशेषज्ञों की मदद से 'सोर्स एट्रीब्यूशन स्टडी' की योजना बना रही है, ताकि एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन पर काम शुरू किया जा सके। विपुल गोयल के अनुसार हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से फरीदाबाद व गुरूग्राम में वर्ष 2010 से निरंतर वायु परिवेश गुणवत्ता निगरानी स्टेशन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। वर्ष 2013 से नियमित रूप से इन शहरों का पीएम वैल्यू 2.5 है। दीपावली पर जरूर इसमें कुछ बढ़ोतरी होती है।फसल कटाई, अवशेष जलने और सर्दी में कुछ दिनों के लिए यह 170 से ऊपर बढ़ती है। यह भी तब होता है, जब तापमान कम हो और हवा चलने की गति बहुत ही कम रहे, इसलिए इस दावे में कोई दम नहीं है कि फरीदाबाद में औसत पीएम वैल्यू 170 से ऊपर है। विपुल गोयल ने कहा कि श्रीनगर जैसे शहर के भी प्रदूषित होने का दावा किया जा रहा है, जो कि आंकड़ों के स्रोत पर संदेह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के नजदीक होने के कारण फरीदाबाद दिल्ली के प्रदूषण से प्रभावित हुआ है। दिल्ली में अधिक वाहनों की संख्या, भवन निर्माण में उठती धूल और म्युनिस्पिल के सालिड वेस्ट के जलने से वहां प्रदूषण काफी होता है, जिसका असर फरीदाबाद पर भी पड़ता है। पर्यावरण मंत्री के अनुसार हरियाणा सरकार ने पूरे राज्य में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पहले ही विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। फरीदाबाद, गुरुग्राम और झज्जर जिलों में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गुरुग्राम और फरीदाबाद में सफाई के लिए मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन और वैक्यूम मशीनों का उपयोग किया जा रहा है।