StarKhabre, National, 17th April: राम मंदिर में रामनवमी का मुख्य पर्व बुधवार को आज पहली बार मनाया गया है। यह पहली रामनवमी इसलिए भी इतनी ऐतिहासिक होगी क्योंकि इस पर्व आज 500 साल बाद अयोध्या वासियों और देश के लिए ये इस खास अवसर आया है। जहां रामलला के प्राकट्य बेला में मध्याह्न भगवान के ललाट पर सूर्य अभिषेक हुआ।
इस सूर्य अभिषेक में प्रभू के माथे पर सूर्य की किरण से तिलक किया गया। सूर्य की रश्मियां सटीक रूप से ललाट के मध्य पर आज 11.58 मिनट से 12.02 मिनट तक रहीं। तकरीबन 4 मिनट तक रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य तिलक रहा। सूर्य की रोशनी रामलला पर इस तरह पड़ी, मानो भगवान राम को सूर्य तिलक लगाया हो।
अध्यात्म और विज्ञान के संगम का ये विहंगम दृश्य हमें आज देखने को मिला इस अद्भुत नजारे के कई ट्राइल भी किए गए थे।इस सूर्याभिषेक के दौरान तकरीबन 4 से 6 मिनट तक रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य तिलक किया गया। सूर्य की रोशनी रामलला पर इस तरह पड़ीं, मानो भगवान राम को सूर्य तिलक लगाया हो. इस दृश्य ने हर किसी का मन मोह लिया।
CBRI ने किया रिसर्च
CBRI के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में रिसर्च किया है। ग्राउंड फ्लोर से लेकर फर्स्ट फ्लोर पर अलग-अलग जगहों पर लेंस लगाए जाएंगे। इसकी सहायता से ही सूर्य की किरणें गर्भगृह तक पहुंचाया जाएगा। मंगलवार को भी इसका ट्राइल किया गया।
News source : Navodya