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‘बेटी बोझ नही खोज है-हम देखें तो सही खोज के’

November 16, 2015 02:58 PM

‘मिली सही दिशा-कत्थक नृत्यांगना बनी इलीशा’
Star Khabre, Faridabad; 16th November : फरीदाबाद की होनहार बेटी व कत्थक के आकाश पर चमकता सितारा इलीशा दीप गर्ग अपने गुरू व दुनिया में कत्थक का पर्याय बन चुके पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज से शिक्षा लेकर केवल 20 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही अब उच्च स्तर की कत्थक नृत्यांगना बन गई है। फरीदाबाद के सैक्टर-11 निवासी पिता अरविन्द गुप्ता और माता विनीता गुप्ता की बेटी इलीशा ने यह मुुकाम हासिल करके अपने जिला फरीदाबाद और पूरे प्रदेश हरियाणा का नाम भी ऊँचा करके दिखाया है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसी अनूठी व पावन मुहिम को भी इलीशा ने अपने ज्ञान, कला व लगन के बल पर कामयाबी हासिल करते हुए ऐसा समर्थन देने का करिश्मा किया है जिसके फलस्वरूप कोई भी प्रयासरत बेटी अपने माता-पिता व समाज से यह आसानी से कह सकती है कि इलीशा की ही तरह मैं भी आपका नाम रोशन कर सकती हँू।

 
21 अगस्त, 1995 को जन्मी इलीशा दीप गर्ग में नृत्य कला का गुण बचपन से ही दिखाई देने लगा तो माता विनीता ने उसे सात-आठ साल की उम्र में ही कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण दिलवाना शुरू कर दिया। श्रीमती विनीता का शुरू से ही कला के प्रति रूझान था। फिर वह कलाश्रम से जुड़ गई और वहां सुश्री सास्वती सैन से शिक्षा लेकर इस नृत्य के प्रति अपने समर्पण भाव को और अधिक मजबूत बनाया। उसके इस गुण और लगन को जब पंडित बिरजू महाराज ने महसूस किया तो उन्होंने नन्हीं इलीशा को अपनी शिष्या के रूप में स्थान देते हुए स्वीक ार किया। गुरू जी की शिक्षा व कठिन परिश्रम का ही परिणाम रहा कि वर्ष 2010 में डीएवी पब्लिक स्कूल सैक्टर-14, फरीदाबाद से दसवीं कक्षा पास करते-करते इलीशा राष्ट्रीय स्तर की कई कत्थक प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कामयाबी पाने और बड़े कार्यक्रमों मेंं प्रस्तुति देने में विख्यात हो गई।
हरियाणा सरकार की ओर से गणतंत्र दिवस समारोह में इलीशा को सम्मानित किया गया। अमृतसर में हुए राज्यस्तरीय ऑल हरियाणा युवा उत्सव में उसने एकल क्लासीकल युवा फैस्टीवल में हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया। उसने अनुराधा पोडवाल की भजन संध्या के कार्यक्रम में लाइव प्रस्तुति दी। इसी प्रकार भजन सम्राट अनूप जलोटा और रागरानी कविता पोडवाल के कार्यक्रमों में भी इलीशा की प्रोफार्मेंस सर्व सराहनीय रही। इलीशा विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का भी अपनी इस जादुई प्रस्तुति के फलस्वरूप हिस्सा बनीं। इनमें वर्ष 2010 में कामनवैल्थ गैम्स का उद्घाटन समारोह और भारत व चीन के प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में इंडो चाइना कल्चरल मीट की 60वीं वर्षगांठ का समारोह प्रमुख रूप से शामिल हैं। इंडियन वल्र्ड कल्चरल फ ोरम के अन्तर्गत रशियन कल्चर सैन्टर में इंडो-रशियन फै्रण्डशिप को प्रोमोट करने के उद्धेश्य से 2012 में गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर इलीशा द्वारा किए गए कत्थक नृत्य की उच्च स्तर पर सराहना की गई।
इलीशा को फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली की मूवी ‘जानिसार’ में अपने कत्थक नृत्य की प्रतिभागिता करने का अवसर प्राप्त हो चुका है और अभी हाल ही में पंडित ब्रिजू महाराज की कोरियोग्राफीयुक्त संजय लीला भंसाली की मूवी ‘बाजीराव मस्तानी’ में भी उसने प्रस्तुती दी है। एलिशा देश के उच्चस्तरीय जाने माने उत्सवों में भी प्रस्तुती दे चुकी हैं। इनमें मुम्बई का वार्षिक उत्सव ‘दी पंचतत्व’, ‘चक्रधर समारोह रायगढ़ 2013’, सनतकदा लखनऊ 2014 तथा ‘कृष्णाकृति फैस्टीवल हैदराबाद 2015’ प्रमुखत: शामिल हैं।
गत् 07 नवम्बर को सायं 06:00 बजे भीष्म पितामह मार्ग लोदी रोड, नई दिल्ली स्थित श्री सत्यसांई इंटरनेशनल सैन्टर के सत्यसांई ऑडिटोरियम में कत्थक गुरू पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज के सान्निध्य में सम्पन्न हुए ‘गुरूवे नमह’ कार्यक्रम में इलीशा दीप गर्ग ने अपनी कत्थक प्रस्तुति को अपने गुरू के पावन चरणों में समर्पित किया। इस मौके पर इलीशा की प्रस्तुति को देखने के लिए संगीत जगत के विख्यात गुरूजन और गुणीजन उपस्थित थे। अब इलीशा स्वयं अपने कत्थक कौशल के बल पर देश-विदेश में प्रस्तुति देने के लिए सक्षम बन गई है। वह अपने गुरू पंडित बिरजू महाराज और कत्थक का नाम व स्थान बहुत आगे ले जाना चाहती है। इलीशा के मन में कत्थक गुरू बिरजू महाराज का स्नेह व आशीर्वाद, माता-पिता का सहयोग व प्रोत्साहन तथा पैरों में कत्थक की मन्द-मन्द झनझनाहट उसे अपनी कला में उत्कृष्ट बनने की ओर बखूबी अग्रसर कर रहे हैं। फरीदाबाद की इस होनहार बेटी इलीशा दीप गर्ग ने इस वर्ष अपने नृत्य कौशल, लगन, निष्ठा, लक्ष्य निर्धारण व परिश्रम के बल पर अंग्रेजी आनर्स में स्नातक की उपाधि पाने के साथ-साथ उच्च स्तर की कत्थक नृत्यांगना बनकर अपने जिला फरीदाबाद व हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन किया है।

 
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