Latest :
समाजसेवी अजय कत्याल ने बच्चों संग मनाया अपना जन्मदिवसएनसीआर में संडे के बड़े इवेंट फरीदाबाद हाफ मैराथन की सभी तैयारी पूरी, सीएम मनोहर लाल होने मैराथन में चीफ गेस्टफरीदाबाद जिले के सभी 6 विधानसभाओं में चुनाव कार्यालय का हुआ शुभारम्भलोकसभा चुनाव को लेकर अधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजनयुवाओं के लिए युवा संसद का आयोजनफरीदाबाद हाफ मैराथन में तीन दिन शेष, रजिस्ट्रेशन बंद, एक लाख से अधिक लोगों ने करवाया रजिस्ट्रेशनयुवा वैज्ञानिक के रूप में चयनित हुए छात्र सिद्धार्थहाफ मैराथन में अब तक 40 हजार लोगों ने किया रजिस्ट्रेशन09 मार्च को न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालतमहारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा
City Icon

किडनी स्टोन के उपचार का भविष्य है रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी (RIRS) : डॉ. भाटिया

September 19, 2016 03:15 PM

Star Khabre, Faridabad; 19th September : मेडिकल क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है रोजाना नई - नई खोज और अनुसंधानों की वजह से डॉक्टर्स बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करवा पा रहे है बड़े चीरों और छिद्रों वाले आप्रेशनों  की जगह बिना चीरे वाले आप्रेशनों ने ले ली है इसी प्रकार की एक अत्याधुनिक तकनीक रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी (RIRS) के बारे में बता रहे है इस क्षेत्र में महारत हासिल कर चुके  सर्वोदय अस्पताल के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ० तनुज पॉल भाटिया

 

प्रशन: 1  आर० आई० आर० एस० (RIRS) क्या है ?

उत्तर: दूरबीन के द्वारा किड़नी के अंदर एक लचीले  यूरेटोस्कोप की मदद से की  जाने वाले सर्जरी को रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी (RIRS) कहा जाता है । रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी में दूरबीन को मूत्रमार्ग के रास्ते किड़नी में मूत्र इक्कठा होने वाली जगह पर पहुँचाया जाता है और वहां बनने वाली स्टोन को लेज़र से चूर- चूर किया जाता है 

 

प्रशन:2 आर० आई० आर० एस० के द्वारा किस प्रकार किड़नी स्टोन को उपचारित किया जाता है?

उत्तर : सर्वप्रथम स्टोन की  दूरबीन की मदद से जाँच की जाती है उसके बाद एक लेज़र मशीन की मदद से उस स्टोन को छोटे छोटे टुकड़ो में तोड़ कर महीन कर दिया जाता है  इस प्रक्रिया में हाई पावर लेज़र मशीन सबसे अधिक कारगर मानी जाती है क्योंकि वो बड़े आकार  के स्टोन के भी टुकड़े करने मे सक्षम होती है और सर्वोदय अस्पताल इस प्रकार की मशीन से पूर्णतया सुसज्जित है

 

प्रशन: 3 रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी परंपरागत सर्जरी  जैसे  PCNL (की होल सर्जरी)  से किस प्रकार भिन्न है ?

उत्तर :  रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी अन्य  सर्जरी से भिन्न है क्योंकि इसमें परंपरागत सर्जरी  जैसे लेप्रोस्कोपिक या ओपन सर्जरी की भाँति त्वचा में कोई चीरा नही लगाना पड़ता और ना ही PCNL तकनीक की भाँति गुर्दे में सुराख़ किया जाता है इसलिए आप्रेशन के 2 हफ्ते बाद तक आराम करने की जरुरत नही पड़ती ।  इस सर्जरी में मूत्रमार्ग के रास्ते दूरबीन को किड़नी में स्टोन वाली जगह तक पहुँचाया जाता है इसलिए किसी भी प्रकार का कोई चीरा लगाने की आवश्यकता ही  नही पड़ती जिसका फायदा रोगी को कम रक्त स्राव, कम दिन तक अस्पताल  में रुकना और जल्दी स्वास्थ्य लाभ के रूप में मिलता है

 

प्रशन:4 आर० आई० आर० एस०  किसके द्वारा की जाती  है ?

उत्तर : यह सर्जरी आर० आई० आर० एस०  में विशिष्टता रखने वाले मूत्र रोग विशेषज्ञ  द्वारा की जाती है ।

 

 प्रशन :5  आर० आई० आर० एस०  के लिए किस प्रकार का अनस्थेशिया (बेहोश करने की प्रक्रिया) का सहारा लिया जाता है ?

उत्तर :  आर० आई० आर० एस०  के लिए  सामान्य या रीढ़ की हड्डी वाले अनस्थेशिया का सहारा लिया जा सकता हैं आमतौर पर सामान्य अनस्थेशिया को ही प्राथमिकता दी जाती है

 

प्रशन: 6 आर० आई० आर० एस०  के साथ आपका अनुभव कैसा रहा ?

उत्तर : आर० आई० आर० एस० किडनी स्टोन के उपचार का भविष्य है चूँकि इस तकनीक में महारत हासिल करने के लिए उचित समय अवधि की आवश्यकता होती है पर यह सर्जरी मरीजो के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होती है जो मरीज अगर आज किडनी स्टोन का आप्रेशन करवाता है तो वह कल ही अपने आप घर जा सकता है और जल्दी ही अपनी सामान्य दिनचर्या को अपना सकता है । जब मरीज कम दिन तक अस्पताल में रुकता है तो उसे किफायती दर पर आप्रेशन खर्च का फायदा भी मिलता है

 

प्रशन: 7  आर० आई० आर० एस० मे हाई पावर लेज़र के क्या फ़ायदे है ?

उत्तर : सैकड़ों सफल आप्रेशन करने के बाद मैंने अनुभव किया कि मरीज के लिये हाई पावर लेज़र ही सबसे बेहतर विकल्प होता है क्योंकि इससे बड़े एवं कठोर स्टोन को भी छोटे छोटे टुकडों में तोडे जा सकते है इसी वजह से सर्वोदय अस्पताल में हम हाई पावर हॉल्मियम  लेज़र की मदद से 4  से० मी० तक के किड़नी स्टोन का भी उपचार करने में सक्षम है|

 

प्रशन: 8 क्या आर० आई० आर० एस० के बाद स्टेंट का इस्तेमाल किया जाना आवश्यक है?  क्या यह एक स्थायी स्टेंट है?

उत्तर : हाँ, किसी भी अन्य गुर्दे की पत्थरी सर्जरी की तरह, एक डबल j  स्टेंट मूत्रवाहिनी में इस सर्जरी के अधिकांश मामलों में रखा जाता है । स्टेंट का मूल उद्देश्य मूत्रवाहिनी को खुला रखने, पत्थर के टुकड़ो को बाहर निकलने के लिए किया जाता है और यह स्टेंट अस्थायी प्रवत्ति का होने की वजह से आप्रेशन के 2 -3 सप्ताह के अंतराल के बाद दूरबीन द्वारा एक छोटे से आप्रेशन से निकाल लिया जाता है जिसमे मरीज उसी दिन वापस अपने घर भी जा सकता है।

 

प्रशन : 9 क्या आर० आई० आर० एस० तकनीक का उपयोग  किड़नी स्टोन के अतिरिक्त किसी अन्य बीमारी के लिए भी किया जाता है ?

उत्तर : हाँ, आर० आई० आर० एस० तकनीक का उपयोग किड़नी स्टोन के अलावा मूत्रवाहिनी में रूकावट और मूत्रवाहिनी में ट्यूमर के इलाज के लिए भी किया जाता है ।

 
Have something to say? Post your comment
More City Icon
 
 
 
 
 
 
Grievance Redressal Disclaimer Complaint
Star Khabre
Email : editor@starkhabre.com
Email : grostarkhabre@gmail.com
Copyright © 2017 Star Khabre All rights reserved.
Website Designed by Mozart Infotech